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PATNA : लोगों को हंसते-मुस्कुराते देख कर हम उन्हें सुखी समझ लेते हैं लेकिन हमेशा ये सच नहीं होता, ऊपर से खुश नजर आने वाला अधिकतर चेहरा अंदर से दुखी रहता है. दुख भी इतना ज्यादा कि गंभीर मानसिक रोग को आमंत्रण दे रहा हो या आत्महत्या के लिए प्रेशर डालता हो. चिंता की बात यह है कि सबसे ज्यादा यूथ आज स्माइलिंग डिप्रेशन की चपेट में आ रहा है. मनोचिकित्सकों के पास रोज ऐसे मामले आ रहे हैं जिसमें यूथ ऊपर से तो अपने मां-पिता या दोस्तों को खुश नजर आता है लेकिन अंदर से स्माइलिंग डिप्रेशन का शिकार हो सकता है. आज दैनिक जागरण आई नेक्स्ट में पढि़ए कैसे यूथ आ रहे चपेट में.

मुस्कुराहटों में क्यों छुपाता है दर्द

यूथ अपनी मुस्कुराहटों से दर्द इसलिए छुपाते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि सभी को तो हमने खुशहाल जीवन दिखाया है. जब सच्चाई बताएंगे तो उनको सारी बातें शुरू से बतानी होगी. ये एक दिन की प्रक्रिया नहीं होती, कभी पैरेंट्स की उदासीनता तो कभी जमाने के सामने कमजोर पड़ने का डर युवाओं को स्माइलिंग डिप्रेशन का शिकार बना रहा है. इसलिए अधिकतर यूथ मुस्कुराकर अपने दर्द को छुपाता है. इसके प्रति पैरेंट्स को गंभीरता से सोचना होगा.

ये है डिप्रेशन के लक्षण

-गंभीर बात होने पर अचानक से चुप हो जाना.

-खेलकूद में रुचि कम होना.

-बेवजह मुस्कुराते रहना.

-हॉबी के प्रति उदासीन रहना.

-खान-पान पर ध्यान नहीं देना.