फेसबुक पर चुनावों में यूजर्स को बरगलाना हो जाएगा नामुमकिन

वाशिंगटन (प्रेट्र)। सुरक्षा इंतजामों पर बात करते हुए साक्षात्कार में जकरबर्ग ने कहा कि फेसबुक ने आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस तैनात किए हैं ताकि किसी भी ऐसे फर्जी फेसबुक अकाउंट की पहचान की जा सके। उन्होंने कहा कि अब ऐसे अकाउंट की तुरंत पहचान हो जाएगी जो किसी भी देश के किसी भी चुनाव में किसी को प्रभावित या बरगलाने की कोशिश कर रहे होंगे। अब फेसबुक किसी भी हालत में अपने प्लेटफार्म का चुनाव में गलत इस्तेमाल नहीं होने देगी। दरअसल ऐसे टूल 2017 में फ्रांस के चुनाव में प्रयोग किए गए थे। नया एआई टूल 2016 के अमेरिकी चुनावों के बाद विकसित किए गए। तब हमें शिकायत मिली थी कि रूस से जुड़े कुछ लोग 30 हजार से ज्यादा फर्जी अकाउंट के जरिए चुनाव को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं। नया एआई टूल विकसित करने के बाद सबसे पहले फ्रांस के चुनाव में इस्तेमाल किया गया। फेसबुक ने ऐसी कोशिश में लगे बड़ी संख्या में अकाउंट डिसेबल कर दिए थे।

फेसबुक ने तैनात किए आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस टूल,जकरबर्ग ने कहा भारतीय चुनाव में नहीं होने देंगे प्‍लेटफार्म का गलत इस्‍तेमाल

फ्रांस इलेक्शन के बाद अलबामा चुनाव में एआई टूल रहा सफल

साक्षात्कार में जकरबर्ग ने कहा कि पिछले साल 2017 में अलबामा में चुनाव थे। फेसबुक ने उसी नये एआई का इस्तेमाल किया। इनका प्रयोग फर्जी सूचनाओं और फेक फेसबुक अकाउंट की पहचान के लिए इस्तेमाल किया गया। इस दौरान फेसबुक ने पाया कि अच्छी-खासी संख्या में कुछ मेसिडोनियन अकाउंट से फर्जी खबरें फैलाने की कोशिश की जा रही है। नये टूल से हमने उनकी पहचान की और उन्हें सफलतापूर्वक निष्क्रिय कर दिया। ऐसा पहला मौका है जब जकरबर्ग किसी चुनाव को प्रभावित करने में फेसबुक की भूमिका के बारे में बात कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम पहले से बेहतर हुए हैं। उन्हें यह भी लगता है कि रूस सहित अन्य सरकारें भी इन सब चीजों को लेकर ज्यादा सजग हुई हैं। यही वजह है कि हमें अपना स्तर और विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए एक कदम आगे रहना होगा। हमारा पूरा ध्यान सिर्फ 2018 के अमेरिकी चुनावों में ही नहीं भारतीय चुनाव, ब्राजील के चुनाव सहित अन्य देशों के चुनावों में फेसबुक के प्लेटफार्म का गलत इस्तेमाल रोकना है।

चुनाव प्रभावित करने से रूस जैसे देशों को रोकने में कड़ी मेहनत

एक सवाल के जवाब में जकरबर्ग ने कहा कि चुनाव को प्रभावित करने से रोकने के लिए रूस जैसे देशों को रोकने में फेसबुक को कड़ी मेहनत करने की जरूरत है। ऐसे प्रयासों से ही फेसबुक अपने प्लेटफार्म का दुरुपयोग रोक सकेगा और ट्रोलर्स या किसी अन्य प्रकार के संगठनों द्वारा फर्जी सूचनाओं को फैलाने से रोका जा सकता है। यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम अमेरिका में होने वाले 2018 के मिडटर्म चुनावों में फेसबुक का दुरुपयोग होने से रोकें। भारत और ब्राजील में होने वाले बड़े चुनावों के मद्देनजर भी हमारी जिम्मेदारी है। दुनिया भर के चुनावों में ऐसे किसी भी प्रयास को फेसबुक रोकने के लिए प्रतिबद्ध है, जिससे लोगों को दिग्भ्रमित करके इलेक्शन प्रभावित करने की योजना हो। बुधवार को भारत ने फेसबुक को चेताया था कि देश में होने वाले किसी भी चुनाव को फेसबुक ने प्रभावित करने की कोशिश की तो उसके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी। भारत ने यह भी कहा कि जरूरत पड़ी तो फेसबुक के सीईओ मार्क जकरबर्ग को यहां समन भी किया जाएगा। बीजेपी सरकार ने यह चेतावनी उस वक्त दी जब यह पता चला कि कांग्रेस पार्टी के संबंध उस ब्रिटिश डाटा कंपनी कैंब्रिज एनालिटिका से हैं जिसने 5 करोड़ लोगों का डाटा उनकी मर्जी के बगैर चुराकर चुनावों को प्रभावित किया था।

Business News inextlive from Business News Desk